अपनी आत्मा के अवगुणो का नाश करना मोक्ष का मार्ग है -महासति रमणीककुंवरजी म.सा.

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अपनी आत्मा के अवगुणो का नाश करना मोक्ष का मार्ग है
-महासति रमणीककुंवरजी म.सा.

नागदा (निप्र)-महावीर दरबार में महासति रमणीककुंवरजी म.सा. दम्मु रत्नीयाखेड़ी वाले ने धर्मसभा में कहा कि मानव बचपन से लगाकर पचपन तक बंधनो से बंधा हुआ है। हमको सभी का पालन करते हुए अपनी आत्मा के अवगुणों पर चिन्तन, मनन कर इनको नाश करना चाहिये जिससे हम धर्म के मार्ग पर चलकर मोक्ष के मार्ग पर जाने का सौभाग्य मिल सकता है। महासति नुतनप्रभाजी म.सा. ने कहा कि वर्तमान समय में दिखावा बहुत ज्यादा है दान थोड़ा सा है लेकिन प्रकट में बहुत बड़ा दिखाया जाता है। इससे हम कर्मो के क्षय करने के बजाय कर्मो के बन्धन में गहरे फंसते जा रहे है। आपने कहा प्रत्येक दिन इलेक्ट्रानिक एवं प्रिंटिंग मीडिया में देखा जाता है कि हाथो में चारा लेकर फोटो खिंचवाना, गरीबो को फल देते हुए दान नाममात्र का प्रचार प्रसार में ज्यादा खर्च किया जाता है। दान भी करो, दिखाओ भी लेकिन अपनी मर्यादा में । महासति वंदनाजी म.सा. ने धार्मिक स्तवन की प्रस्तुति दी।
मीडिया प्रभारी महेन्द्र कांठेड एवं नितिन बुडावनवाला ने बताया कि आज स्थानकवासी जैन समाज के सहसचिव एवं वरिष्ठ सुश्रावक राजेन्द्र कर्नावट राजा के 42 वर्ष पूर्ण कर 43वें वर्ष में प्रवेश के शुभ अवसर पर महासति रमणीककुंवरजी म.सा. ठाणा 4 से राजा कर्नावट ने सती मण्डल दर्शन वंदन नमन कर गुरूदेव से आशीर्वाद प्राप्त किया। इस शुभ अवसर पर श्रीसंघ अध्यक्ष प्रकाशचन्द्र जैन लुणावत सांवेरवाला, ट्रस्ट अध्यक्ष राजेन्द्र कांठेड़, पारस पोखरना, राजेन्द्र मोगरा, अनिल पावेचा आदि ने भी बहुत – बहुत शुभकामना प्रदान की । मीडिया प्रभारी महेन्द्र कांठेड़ एवं नितिन बुडावनवाला ने माला से राजा कर्नावट का स्वागत किया।

दिनांक 20/01/2023

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